चुराया ही क्यूँ जब वो तोड़ना ही था?
दिल भी वो टूटा है जो मेरे पास नहीं
दिखाया ही क्यूँ जब मुँह मोड़ना ही था?
सीने में हवा तो है, पर वो साँस नहीं
मेरे पास नहीं है, कोई साथ नहीं है
जो बता दे मुझे बात ये ख़ास नहीं
दिल उदास सही है, कोई आस नहीं है
पगली आँखों की नमी है ये, बरसात नहीं
मैं भी ना जाने कहाँ खो गया था
ज़िंदगी भी मुझसे ख़फ़ा हो गई
जिस दिन की इस दिल ने खुद से मोहब्बत
तो ज़िंदगी भी मुझ पे फ़िदा हो गई
मेरे पास नहीं है, कोई साथ नहीं है
और ना है अब किसी का इंतज़ार कहीं
तेरे बारे में ना सोचूँ ऐसी रात नहीं है
पर तू तोड़े दिल मेरा, तेरी औक़ात नहीं
आँखों में धुआँ था, मैंने देखा ही नहीं
खुशी पीछे ही थी खड़ी दाबे ये हँसी
दिल भी बोला, "सुन बावरे, अखियों के दुश्मन
ना मैं कभी टूटा था, ना खोया था कहीं"
तेरे पास यहीं हूँ, ये आवाज़ मैं ही हूँ
ये कहानी तेरी-मेरी है, ज़माने की नहीं
मैं धड़कता रहूँ, तू भी यूँ हँसता रहे
दुनिया जाए साली भाड़ में, कोई परवाह ही नहीं